काका ( राजेश खन्ना जी ) को श्रधांजलि ....
>> बुधवार, 18 जुलाई 2012 –
श्रधांजलि
जिंदगी देना और जिंदगी लेना ऐ सब उपरवाले के हाथ मे है ........जहा पनाह जिसे ना आप बदल सकते हैं.ना मै हम सब तो रंग मंच की कटपुतलीया है..जिसकी डोर उपरवाले के हाथ बंधी हैं....कब.. कोन... कैसे उठेगा ऐ कोई नही जानता...हा हा हा हा हा ..आनंद फिल्म के ये संवाद सब को रुला देते है। अलविदा बाबू मोशाय ...............
परमपिता परमात्मा से महानायक राजेश खन्ना की आत्मा को शान्ति और सदगति के लिए प्रार्थना करता हूँ।
विनम्र श्रद्धांजलि।