तेरी याद !
क्यों तेरी याद मुझे हर पल सताती है !
क्यों तेरे ख्वाब मुझे रात भर जगती है !!
जब तुमने मुझे निकाल दिया है अपने दिल से !
फिर क्यों तेरी याद मेरे पास चली आती है !!
मैं जानता हूँ तुम मुझे कभी न मिलोगे !
फिर क्यों इस दिल को तेरी जुस्तुजू सताती है !!
जब मेरी तक़दीर में बिछड़ना ही लिखा है !
फिर क्यों जिंदगी ऐसे लोगों से मिलाती है !!
प्रमोद मौर्या "प्रेम"
बहुत सुन्दर...लिखते रहिए, अभ्यास होता जाएगा।