मुझे गज़ल सुनने का बड़ा शौक है !
>> बुधवार, 18 जुलाई 2012 –
गज़ल
मुझे गज़ल सुनने का बड़ा शौक है ! खास कर जगजीत सिंह जी की गायीं गजलें मुझे बहुत अच्छी लगती है ! इनके अलावा पंकज उदास , चन्दन दास , अनूप जलोटा , विजय राथोर की गजलें मुझे बहुत अच्छी लगती है !
किसका चेहरा अब मैं देखूं
किसका चेहरा अब मैं देखूं
चाँद भी देखा फूल भी देखा
बादल बिजली तितली जुगनूं कोई नहीं है ऐसा
तेरा हुस्न है जैसा
मेरी निगाहों ने ये कैसा ख्वाब देखा है
ज़मीं पे चलता हुआ माहताब देखा है
मेरी आँखों ने चुना है तुझको दुनिया देखकर
किसका चेहरा अब मैं देखूं तेरा चेहरा देखकर
नींद भी देखी ख्वाब भी देखा
चूड़ी बिंदिया दर्पण खुश्बू कोई नहीं है ऐसा
तेरा प्यार है जैसा
रंग भी देखा रूप भी देखा
रस्ता मंज़िल साहिल महफ़िल कोई नहीं है ऐसा
तेरा साथ है जैसा
बहुत खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
बना दीजिए इनको किस्मत हमारी
उसे और क्या चाहिये ज़िंदगी में
जिसे मिल गई है मुहब्बत तुम्हारी
बादल बिजली तितली जुगनूं कोई नहीं है ऐसा
तेरा हुस्न है जैसा
मेरी निगाहों ने ये कैसा ख्वाब देखा है
ज़मीं पे चलता हुआ माहताब देखा है
मेरी आँखों ने चुना है तुझको दुनिया देखकर
किसका चेहरा अब मैं देखूं तेरा चेहरा देखकर
नींद भी देखी ख्वाब भी देखा
चूड़ी बिंदिया दर्पण खुश्बू कोई नहीं है ऐसा
तेरा प्यार है जैसा
रंग भी देखा रूप भी देखा
रस्ता मंज़िल साहिल महफ़िल कोई नहीं है ऐसा
तेरा साथ है जैसा
बहुत खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
बना दीजिए इनको किस्मत हमारी
उसे और क्या चाहिये ज़िंदगी में
जिसे मिल गई है मुहब्बत तुम्हारी
बहुत सुन्दर...!