मेरे गुरूजी डॉ रूप चन्द्र "मयंक" शास्त्रीजी !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  – (11 जुलाई 2012 को 11:36 pm बजे)  

प्रियवर प्रमोद जी!
सदा प्रसन्न और प्रगतिशील रहो।

Unknown  – (13 जुलाई 2012 को 6:44 am बजे)  

गुरु: ब्रम्हा: गुरु: विष्णु गुरु: देवो महेश्वर:!

गुरु: सच्छात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवै नमः !!

रविकर  – (13 जुलाई 2012 को 8:11 pm बजे)  

गुरुभाई की पोस्ट पर, आकर होता धन्य ।

गुरु बिन हो सकता नहीं, मानव मन चैतन्य ।

कविता रावत  – (14 जुलाई 2012 को 1:01 am बजे)  

हमारे भी गुरु हैं
गुरु को हमारा भी सादर नमन!

सुशील कुमार जोशी  – (14 जुलाई 2012 को 7:58 am बजे)  

वाह जी वाह
दिखे हमें भी आज
गुरू जी और चेला!

एक टिप्पणी भेजें

About This Blog

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP