जिए जा रहा हूँ मैं !
>> गुरुवार, 19 जुलाई 2012 –
गज़ल
तेरी यादों के साये में, जिए जा रहा हूँ मैं !
तुम्हें देखने की चाहत में, जिए जा रहा हूँ मैं !!
ना दिन की खबर ,ना रात की फ़िकर !
तुझे पाने की चाहत में, जिए जा रहा हूँ मैं !!
बड़ी आसानी से तुमने मेरा दिल तोड़ दिया !
आज भी अपना ज़ख्मी दिल सिये जा रहा हूँ मैं !!
मुझे मालूम है मैं, तुम तक नहीं पहुँच सकता !
फिर भी तुम्हे छूने की चाहत में, जिए जा रहा हूँ मैं !!
तुमसे बिछड़े हुए मुझे, एक अरसा हुआ !
तुम्हे मिलने की चाहत में, जिए जा रहा हूँ मैं !!
प्रमोद मौर्या "प्रेम"
बहुत बढ़िया!
आपकी इच्छा जल्द पूरी होगी।