मेरे मौला !
>> गुरुवार, 16 अगस्त 2012 –
गज़ल
मेरी टूटी किस्मत संवार दे, मेरे मौला !
मेरा खोया प्यार मुझे लौटा दे, मेरे मौला !!
मैं तुझसे ज्यादा कुछ नहीं माँगता !
मेरा बिछड़ा हुआ यार मिला दे, मेरे मौला !!
जिसे देखकर मेरा चेहरा गुलाब सा खिल उठता था !
उस चेहरे की बस एक झलक दिखला दे, मेरे मौला !!
जिसकी आवाज सुनने को मैं पलपल तड़पता था !
उसकी आवाज मुझे फिर से सुना दे, मेरे मौला !!
जाने कितने बरस हो गये मुझे, मेरे चाँद को देखे !
अब के बरस तो मेरी ईद बना दे, मेरे मौला !!
मैं सजदा किया करता हूँ, उसके लिए सभी मजारों पर !
मेरे दिल की आवाज, उसके दिल तक पहुंचा दे, मेरे मौला !!
प्रमोद मौर्य "प्रेम"
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
साझा करने के लिए धन्यवाद!
रुको हम भी कहे देते हैं मौला से
ये जो चाह रहा है
उसे करवा ही दे मौला !
कोटि कोटि आभार !
बहुत सुन्दर कोमल भावों से सजी रचना ..