मैंने सिर्फ माँगा है आपको !

 
अपने खुदा से मैं, और क्या इल्तजा करूँ !
जब भी उठा है हाथ दुआवों में, मैंने सिर्फ माँगा है आपको !!
 
 ना सोना ना चाँदी ना हीरा ना मोती !
अपने दिल का सरताज, मैंने सिर्फ माना है आपको !!
 
दिन हो या रात हो सुबह हो या शाम !
हर पल अपने दिल के पास, मैंने सिर्फ पाया है आपको !!
 
 
तेरी एक मुस्कराहट पे, मेरी पूरी ज़िन्दगी कुर्बान !
बना कर रोशनी इन निगाहों में, मैंने सिर्फ बसाया है आपको !!
 
यूँ तो मिलते रहे मुझको, कदम कदम पे नए दोस्त !
अपना महबूब अपना हमदम, मैंने सिर्फ बनाया है आपको !!
 
                                                                    प्रमोद मौर्या "प्रेम"
 

 

एक टिप्पणी भेजें

About This Blog

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP